The Ultimate Guide To piles treatment hospital near me

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नियमित रूप से व्यायाम एवं प्राणायाम करें।

यह दबाव के कारण होता है और इसके लक्षणों में दर्द, खुजली, जलन और कभी-कभी खून आना शामिल है।

दिन में एक बार खाली पेट गर्म पानी पिएं।

आहार में फाइबर की कमी, अपर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन, खराब जीवन शैली, तनाव, मल त्यागते समय तनाव, कब्ज और दस्त, लंबे समय तक लगातार बैठे या खड़े रहना, शौचालय में लंबे समय तक बैठे रहना, अनल सेक्स, लगातार भारी सामान उठाने से, मोटापे से ग्रस्त होने की वजह से आपको पाइल्स हो सकता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के समय भी पाइल्स हो सकता है। अगर इसके लक्षणों की बात की जाये तो कई बार शुरूआती दिनों में रोगी में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते परन्तु कुछ समय बाद महसूस होने लगते हैं। पाइल्स के कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं-

अत्यधिक दर्द हो तो डॉक्टर द्वारा सुझाई गई पेनकिलर (दवा) ले सकते हैं।

गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान बढ़ा हुआ गर्भाशय गुदा की नसों पर दबाव डालता है।

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पुरानी कब्ज: पुरानी कब्ज के मरीजों को मल त्यागने में अधिक जोर लगाना पड़ता है। इससे नसों में दबाव पड़ने के कारण बवासीर हो सकता है।

वजन प्रबंधन : आहार और व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाए रखने से गुदा और मलाशय में नसों पर दबाव कम करता है। इस वजह से बवासीर के विकास के जोखिम को कम more info किया जा सकता है।

कभी भी खुद से दवा न लें, विशेषज्ञ की सलाह लेते रहें।

अधिक फाइबरयुक्त आहार का सेवन करें, जैसे- रेशेदार फल एवं सब्जियाँ।

इंटरनल वाले शुरू में आसानी से नज़र नहीं आते, लेकिन खून निकलने पर पता चलता है. वहीं बाहरी बवासीर में गुदा के पास गांठ जैसी सूजन दिखती है जो दर्द और जलन देती है.

संतुलित आहार लें: मसालेदार और तले-भुने खाने से बचें।

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