The 2-Minute Rule for treatment piles cure in 3 days
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निचले मलाशय में बढ़ते दबाव से पाइल्स विक्सित हो सकता है जिसका कारण है:
बाथरूम में कम समय : एक शोध में बताया गया है कि बवासीर के रोगी शौचालय में अधिक समय बिताते हैं और उन्हें अधिक जोर लगाना पड़ता है। उपयुक्त शौच की आदतें हैं : शौच के दौरान तीन मिनट
ऊपर दिए गए लक्षणों को आप बाहरी बवासीर में अनुभव करेंगे।
इसके अलावा मोटापा या गर्भवती महिलाओं में भी यह होने का खतरा रहता है। इसमें गुदा या मलाशय में मस्से बन जाते हैं, जिनके फूटने पर इनसे खून निकलता है, और दर्द होता है।
दर्द निवारक दवाएं जैसे एस्पिरिन या इबुप्रोफेन अस्थायी रूप से असुविधा दूर कर सकती हैं।
यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कब्ज को दूर करता है।
बर्फ़ से सिकाई करने से सूजन कम होती है और दर्द भी कंट्रोल में रहता है.
आयुर्वेद में बवासीर get more info को ‘अर्श’ कहा गया है। यह वात, पित्त एवं कफ तीनों दोषों के दूषित होने से होता है। इसलिए इसे त्रिदोषज रोग कहा गया है। जिस बवासीर में वात या कफ की प्रधानता होती है, वे अर्श शुष्क होते हैं। इसलिए मांसांकुरों में से स्राव नहीं होता है। जिस अर्श में रक्त या पित्त या रक्तपित्त की प्रधानता होती है, वे आर्द्र अर्श होते है। इसमें रक्तस्राव होता है। शुष्क अर्श में पीड़ा अधिक होती है।
फाइबर से स्टूल सॉफ्ट रहता है और कब्ज नहीं होता.
फल: पपीता, सेब, अमरूद, संतरा, और तरबूज जैसे फलों का सेवन करें।
सीलियम हस्क एक सप्लीमेंट है जो आपके फाइबर का सेवन बढ़ाने में मदद करता है, और आपके मल को नरम करता है जिससे आपको मल त्यागने में परेशानी न हो। इस बात का विशेष ध्यान रखें की फाइबर की मात्रा ज्यादा न लें वरना आपको गैस हो सकती है, और आपके पेट में भी कमी आ सकती है। अगर आप सीलियम हस्क ले रहें हैं तो जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा पानी पियें।
जनरल सर्जन - गुदा रोग विशेषज्ञ (प्रोक्टोलॉजिस्ट)
मस्सों को छुए या दबाएं नहीं, नियमित रूप से सफाई करें।
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